समाज जागरण
विश्वनाथ त्रिपाठी
प्रतापगढ़, व्युरो चीफ
इस समय बड़ी विडम्बना है कि जिससे रात दिन काम लेते हैं उसी को यदि कोई कष्ट हो जाय तो मुंह मोड़ लेने में कोई लज्जा का न तो अनुभव होता है और न ही उसके दु:के दर्द का कोई ख्याल | ठीक यही हाल एक हफ्ता पहले राजाराम यादव निवासी तलाक तिल्हाई कुंडा प्रतापगढ़ के साथ हुआ |
राजाराम यादव बिहार पावर हाउस पर बतौर लाइन मैं तैनात हैं जो रामा इलेक्ट्रिक प्राइवेट लखन ऊ द्वारा नौकरी पर। रखा गया है | बीते माह २५ मई को लाइन पर काम करते हुए वह विजली के करेंट की चपेट में आने से वह गम्भीर रूप से घायल हो अस्पताल में। पड़ा है | दुखद तो यह है कि कम्पनी ने तीस हजार रूपया देकर पल्ला झाड़ कर गरीब को मरने के लिए अस्पताल में छोड़ दिया|
दुखद तो यह है कि जो विभाग सब का घर प्रकाशित करने का काम करता है उसके अफसर भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं है | राजाराम अपनी दर्द भरी कहानी अस्पताल के बेड पर लेटे कर कराता हुआ बताता है कि हमारे जे ई साहब और कैशियर गौतम बाबू आदि कुछ साथी हमारी खबर लेते व बच्चों के खर्च के प्रति दया कर रहे हैं ,विभाग के बड़े बड़े अफसर गरीबों का दर्द क्या जाने | आज मेरी समझ में आया कि गरीबी वास्तव में भीषण दुख है जहां अपने भी किनारा कर लेते हैं |
समाचार के माध्यम से मदद की अपील भी राजाराम के लिए साथियों ने किया है |