सरकार ने अति पिछडा वर्ग के साथ किया कुठाराघात : वर्मा
हिसार (राजेश सलूजा) : भाजपा नेता व स्वाभिमान की आवाज़ सगंठन के अध्यक्ष प्रजापति हनुमान वर्मा स्वाभिमानी ने कहा कि सरकार बार बार इस बात का ढिढोरा पिटती रही कि वो स्थानीय निकाय व पचं सरपचों के चुनाव में अति पिछडा वर्ग को 8 प्रतिशत भागीदारी देगी। जिस की पोल आज पाट गई है।
वर्मा ने कहा कि आज हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर चुनाव कराने की अनुमति दी है। जिस कारण पिछडा वर्ग को आरक्षण दिए बिना निकाय चुनाव होंगे। वर्मा ने कहा कि कोर्ट ने आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट जरुरी कर दिया है। पिछडा वर्ग आयोग का गठन जो आरक्षण पर सुझाव व आपतियां मागेगा। इसके बाद डाटा तैयार कर विश्लेषण किया जाएगा। फिर आयोग ही सरकार को सिफारिश करेगा। वर्मा ने कहा कि इस मामले मे सरकार ने ऐसा कुछ नही किया। वो तो सिर्फ अति पिछड़ा वर्ग को मिठ्ठी गोली देती रही। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक सरकार के ऐसा ना करने पर पिछडा वर्ग को आरक्षण का लाभ ना देकर चुनाव करवाए जाए। वर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने नगरपालिका चुनाव (संशोधन) नियम 2020 के नियम 70 ए के तहत निकायो मे प्रधान पद पिछडा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। कोर्ट ने जो बात कही कि सरकार के पास पुख्ता आकडे नही है कि पिछडा वर्ग की जनसख्यां कितनी है। सरकार ने बिना आधार के आरक्षण दिया है। इसलिए इसे रद्द किया जाए। याचिका मे कहा गया कि सरकार नये नियमो से चुनाव करवाना चाहती है जब कि मामला हाईकोर्ट मे विचाराधीन है। इसलिए रोक लगाई जाए। वर्मा ने कहा कि अब जब हाईकोर्ट ने कहा कि जनगणना होनी चाहिये तब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जनगणना करवाऐगे। जब पुरा पिछडा वर्ग ये बात पत्राचार के माध्यम से स्वयं मिलकर मुख्यमंत्री ओर उनके मंत्रियों को जनगणना के ज्ञापन दे रहे थे तब किसी की कान मे जू तक नही रेगीं। अगर तब ये हम लोगो की बात मान लेते तो आज पिछडा वर्ग के साथ ये कुठाराघात नही होता। इस मे सीधी सीधी सरकार के योजनाकारों की कमी है। पिछडा वर्ग इसे किसी हद तक सहन नही करेगा। मुख्यमंत्री कभी क्रीमीलेयर मामले मे, कभी 27 प्रतिशत प्रथम व द्वितीय मामले मे ओर आज ये 8 प्रतिशत मामले मे हमेशा पिछडा वर्ग को दबाया गया है। इस कारण पिछडा वर्ग मे बहुत रोष है। सरकार को इस बारे मेंं तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेना चाहिए।
सरकार के पंचायती राज मे 8 प्रतिशत आरक्षण की हवा निकली — वर्मा
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