बसंत पंचमी पर शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़, हुआ रूद्राभिषेेक
रिपोर्ट- श्रीकान्त श्रीवास्तव / ब्यूरो समाज जागरण
बांदा – बसंत पंचमी का पावन पर्व शनिवार को जिले भर में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस पर्व पर जिले के प्रमुख धार्मिक वामदेव शिव मंदिर में मेले का आयोजन किया गया। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का रूद्राभिषेक किए।
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर मां सरस्वती एवं भगवान शिव के पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना गया है। इस अवसर पर जिले के वामदेव नीलकंठ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान शिव का रूद्राभिषेक करते हैं। शनिवार को प्रात: काल से ही दोनों ही मंदिरों में जल चढ़ाने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान शिव के दर्शन करने शिव मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

पुराणों के अनुसार बसंत पंचमी पर शिव अराधना का भी विशेष महत्व बताया गया है। देवालयों में भगवान शिवलिंग का रूद्राभिषेक व जल चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। संकटमोचन शिव मंदिर स्वामी नीलकंठ मंदिर में वसंत पंचमी के अवसर पर विशेष शिव अराधना की जाती है। जहां सीधी सहित अन्य जिले के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचकर भगवान शिव का रूद्राभिषेक करते हैं। शनिवार को दोनों की प्रमुख मंदिरों में दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
बसंत पंचमी के अवसर पर स्थानीय शहर में मेले का आयोजन गत वर्षों की भांति किया गया। यहां खिलौने, मिठाइयां की दुकाने सजी रही। ज्यादातर शहर वासियों ने इस मेले में पहुंचकर आनंद उठाए।
बसंत का है अपना महत्व-
जब फूलों पर बहार आ जाती है, खेतों मे सरसों का सोना चमकने लगता है जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाती है और हर तरफ तितिलियां मडऱाने लगती है तब वसंत पंचमी का त्यौहार आता है। इसे ऋतु पंचमी भी कहते हैं। साथ ही ऋतुओं का राजा भी वसंत ऋतु को माना गया है।
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