समाज जागरण संवाददाता
वाराणसी/ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय में सत्र 2019-20 में शिक्षकों की संख्या 108 से अधिक हो गई है किंतु यहां के प्रकांड विद्वान शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों की संख्या 108 होने के बावजूद भी अभी तक स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) की सीटों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके खिलाफ छात्रों ने आज शुक्रवार की शाम कुलपति आवास के सामने धरना शुरू कर दिया है।ज्ञातव्य हो कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आज से लगभग सौ वर्षों पूर्व आयुर्वेद विज्ञान को शामिल किया गया था जो महामना मदन मोहन मालवीय के महान भारत को विश्वगुरु बनाने वाले सपनों में से एक था जिसका उद्देश्य था भारतीय चिकित्सा पध्दति को बढ़ावा देते हुए देश-विदेश तक पहुंचाना एवं मानवजाति के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना था। किन्तु पिछले 3 दशकों से बीएचयू का आयुर्वेद संकाय अपने विकास से निरंन्तर वंचित होता आ रहा है।आज
आयुर्वेद संकाय से कई वर्षों बाद शुरू हुए एमबीबीएस कोर्स की (एमडी/एमएस) की सीटें समय समय पर लगातार बढ़ती जा रही हैं जिसके परिणाम स्वरूप आज उनकी सीटें 210 से अधिक हो गई हैं।वही
आयुर्वेद संकाय के छात्रों का कहना है कि आयुर्वेद संकाय के छात्र साल भर पूर्व परास्नातक सीटें बढ़ाने के मुद्दे को लेकर धरना पर बैठे थे, लेकिन इस मामले पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई। इस मामले में आयुर्वेद संकाय के छात्र कुलपति से मिलने के लिए 15 दिन पहले से बार-बार आग्रह करने पर भी वाइस चांसलर का ना मिलना बच्चों के अंदर असंतोष फैलाया। उनके मेल का रिप्लाई नहीं आया, जिसके कारण आयुर्वेद संकाय के छात्र धरने पर बैठने के लिए मजबूर हुए।
वाइस चांसलर का ना मिलना बच्चों के अंदर असंतोष,कुलपति आवास के सामने धरना
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