सर्वेश शुक्ला लखनऊ मंडल ब्यूरो
लखीमपुर खीरी जनपद मे अवैध शराब व नशे से लगातार युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है इसमें सबसे ज्यादा दु:खी गृहणी महिलाएं रहती है जो परिवार और प्यार की तलाश में अपने पिता का घर छोड़ पति के घर आती है वो घुट-घुट का जीने को मजबूर है।गॉवों की महिलायें जिनके पति और जिसके युवा पुत्र को शराब पीने की बुरी लत पकड़ चुकी है यदि उन युवकों के माता-पिता नशे के मनाही के लिए किसी प्रकार की डाट फटकार लगाते है तो वह युवक नशे में क्षुब्ध होकर अपने जान पर आतुर हो जाते हैं। जहां एक तरफ उत्तरप्रदेश सरकार नशा मुक्ति राज्य बनाने का सपना देख रही है वही स्थानीय स्तर पर शासन-प्रशासन के लोग नशे का विरोध करने के बजाए उन्हे संगठित करने हेतु उन नवयुवकों को नशे का सामान आसानी से मुहैया करातें हैैं।नशे की लत मे डूबी युवा पीढ़ी,इन्जोयमेन्ट के नाम पर नगर के पढने लिखने वाले युवाओं को नशे ने अपराध की ओर ढ़केल दिया है। नगर के अधिकतम युवा शाम होते ही नशा कर लेतें है तथा अपने माता-पिता और परिवार के सपनों को शराब की बोतल में डुबो कर खत्म कर देते है। नेताओं के कहने पर कमीशन पर कम पैसे में शराब मिल जाने से युवाओं का भविष्य गर्त में जा रहा है। अपराध को बढाने में नशा का बहुत बड़ा योगदान होता है। जो किसी भी अंजाम को कर सकने में किसी प्रकार की हिचकीचाहट नही करते हैं। छोटी-छोटी घटनाओं से बड़े घटना का रूप ले लेती हैं जो अधिकांशत: नशे में ही होता है युवा वर्ग के लोग इतने ज्यादा नशे के प्रति आतुर हो चुके हैं कि पैसा ना मिलने पर वे चोरी जुआ आदि कई तरह के अपराध करने में उतारू हो चुके हैं।