*विशेष कार्यक्रम, आचार्यकुलम हरिद्वार*
*मैटर और एनर्जी का जो हम सिद्धांत पढ़ते हैं तो यह मैटर भी उस एनर्जी से उत्पन्न होता है और वो सुप्रीम एनर्जी, सुप्रीम पावर, सुप्रीम सोल परमात्मा है, उसी से सब कुछ उत्पन्न हुआ है। उसी निराकार से यह साकार, सगुण, व्यक्त उत्पन्न हुआ है।*
_योगाभ्यास करने से हमारा शरीर बलवान, मस्तिष्क प्रज्ञावान, ह्रदय श्रद्धावान बनता है। हम संस्कारवान और चरित्रवान बनते हैं, जीवन में ऐश्वर्यवान बनते हैं और हम महान बनेंगे तो हमारा भारत महान होगा तो यह है व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण, युग निर्माण की यात्रा, योग की यात्रा।_
*योग एक अच्छी आदत है और इस अच्छी आदत से जीवन में कोई बुरी आदत नहीं आएगी।*
_अच्छा काम इच्छा न होने पर भी करना और बुरा काम, बुरी भावना, बुरा विचार इच्छा होने पर भी नहीं करना।_
*भगवान के दिव्य ज्ञान से, प्रेम से, संवेदनाओं से, भगवान की दिव्य शक्ति, सामर्थ्य से जुड़ना यही योग है।*
*- परम पूज्य स्वामी रामदेव जी*