समाज जागरण
ऐसे तो बरेली झुमको के लिए मशहूर है लेकिन आये दिन पथ विक्रेता अधिनियम को लेकर भी सवाल उठते रहे है। आखिर भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रेहड़ी पटरी वालों को उनका उचित स्थान कब मिलेंगे? एक आईजीआरएस के माध्यम से पूछे गए सवाल कि अभी तक कितने पथ विक्रेताओं को लाइसेंस दिए गए है, के जबाब में बरेली नगर निगम नें यह तो नही बताया है कि कितने लाइसेंस दिए गए है लेकिन यह जरूर बताए है कि अभी तक 16 वेंडिंग जोन बनाए गए है।
बताते चले कि रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री श्याम किशोर गुप्ता के द्वारा एक आईजीआरएस के माध्यम से बरेली नगर निगम से मांगी गयी जानकारी के जबाब में यह जानकारी दी गई है। बरेली नगर निगम नें पथ विक्रेता लाइसेंस के बारे में जानकारी देने से असमर्थता जताते हुए कहा है कि यह जानकारी डुडा से प्राप्त की जा सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या पूरे बरेली नगर निगम के लिए सिर्फ 16 वेंडिंग जोन काफी है ? एक वेंडिंग जोन में कितने लोग होंगे ? पूरे शहर में कितने पथ विक्रेता मौजूद है और कितने लोगों ने लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया है ? क्या उस हिसाब से बनाये गए वेंडिंग जोन पर्याप्त है ?