।। *श्री राधारमणो विजयते*।।
*जय गौर*
🙏🏻 *श्री गिरिराज महाराज के पावन सानिध्य में*
💢 *कार्तिक मास के पावन अवसर पर*
🔆 *श्री गोपी गीत 2017*
〽 *ज्यों की त्यों*
🗒 *नित्य नवीन रस*
♦ *संत वाणी:>श्री मन्माध्व गौड़ेश्वर वैष्णवाचार्य*
🌹 *पूज्य श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज*
*श्रीगुरुदेव चरणारविन्द के कृपा आश्रय में*
*भाग* 2⃣3⃣
♦ *श्रीकृष्ण कह रहे हैं-*
*यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत*
*अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम*
मंगलमय भाव से जब-जब धर्म की हानि होती हैं मैं जन्म लेता हूँ अधर्म को नष्ट करता हूँ धर्म की स्थापना करता हूँ स्पष्ट कह रहे हैं-
*परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम*
*धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे*
साधुओं का मैं पृत्यान करता हुँ,दुष्टों का मैं विनाश करता हूँ धर्म की स्थापना के लिए युग-युग में जन्म लेता हूँ यह भगवान् की ईश्वरता का शिखर हैं, ऐश्वर्यता का शिखर हैं कुरुक्षेत्र के कृष्ण। माधुर्यात्म का शिखर हैं रासलीला का शिखर,रासबिहारी, रासराश्वेर स्वयंभू भगवान् श्रीकृष्ण। माधुर्यता में भगवान् इससे ऊपर नहीं हो सकते यह इनकी अतीव माधुर्यता का स्वरुप हैं।
♦जिस प्रकार वहाँ घोषणा कर रहे हैं ना स्वयं। श्रीकृष्ण बृहद्नारदीय पुराण में कहते हैं जिसका उल्लेख श्रीगोपालभट्ट गोस्वामी जी महाराज ने श्रीहरिभक्ति विलास में किया है यह हरिभक्ति विलास नामक ग्रन्थ श्रीगोपालभट्ट गोस्वामी पाद जी द्वारा रचित, श्रीसनातन गोस्वामी जी द्वारा पूर्ण किया गया गौड़ीयों का श्रेष्ठतम ग्रन्थ हैं। जिसमें गौड़ियों के आचार की प्रतिष्ठा हुई हैं।
♦श्रीगोपालभट्ट गोस्वामी जी महाराज भगवान् के शब्दों का उल्लेख कह रहे हैं कि भगवान् को रासलीला कितनी प्रिय हैं श्रीठाकुर जी कह रहे हैं-वैसे मेरी प्रत्येक लीला मैं जो करता हूँ,ठाकुर जी का वचन हैं भगवान् जो करें वोह लीला ही है। ना अपने कर्म से मोहित होते हैं,ना कर्मफल से। हम जो करें वोह कर्म हैं हम दोनों में मोहित हैं हम अपने कर्म से बन्धन में भी हैं ओर कर्मफल के बन्धन में भी। श्रीकृष्ण जो करें सों लीला। लीला का प्रभाव क्या हैं *दधाति इति लीला* जिसे सुनकर हमारे ह्रदय में भगवत् प्रीति की उत्कण्ठा का उदय हो जायें उसे लीला कहते हैं सबसे महत्वपूर्ण चीज उत्कण्ठा ही हैं।
📝क्रमश:……2⃣4⃣
🌹 ।। श्रीराधारमणाय समर्पणं।। 🌹
▪🔳🐚🔔▪🔳🔔▪🔳🐚🔔