राजस्थान के 26 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दिलवाए कांग्रेस सरकार। नियुक्तियों का चुनाव में किया था विरोध।
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राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा के द्वितीय लेवल में उत्तीर्ण होने वाले जिन 26 हजार युवाओं का चयन शिक्षक के पद पर हुआ था, उन्हें अब नियुक्ति दिलवाने की जिम्मेदारी राजस्थान की नवगठित कांग्रेस सरकार की है। इसे चयनित शिक्षकों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जब नियुक्ति होने वाली थी तभी राज्य में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। गत भाजपा सरकार चाहती थी कि चुनाव आयोग से अनुमति लेकर प्रदेश के 26 हजार युवाओं को रोजगार दे दिया जाए, लेकिन तब कांग्रेस ने नियुक्तियों का विरोध कर दिया। कांग्रेस के नेताओं का मानना रहा कि यदि नियुक्तियां हो गई तो चुनाव में भाजपा को लाभ मिलेगा। अब जब चुनाव परिणाम आ गए और प्रदेश में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बन गई है तो अब कांग्रेस की ही जिम्मेदारी है कि 26 हजार चयनित शिक्षकों को जल्द से जल्द नियुक्तियां मिल जाए। इसके लिए सरकार को सबसे पहले 9 जनवरी को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर ध्यान देना चाहिए। सिंगल बैंच से मामला निपटने के बाद अब मामला डबल बैंच में है। कुछ अभ्यर्थी अपनी समस्याओं को लेकर कोर्ट में है। चूंकि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, इसलिए हाईकोर्ट में भी नए सरकारी वकीलों की नियुक्ति होनी है। उम्मीद है कि अगले एक-दो दिन में यहां अधिवक्ता और अतिरिक्त महाअधिवक्ता की नियुक्तियां हो जाएगी, तब कोर्ट में सरकार का पक्ष मजबूती के साथ रखा जा सकेगा। गत भाजपा सरकार ने तो सुप्रीम कोर्ट के वकील दिनेश द्विवेदी की नियुक्ति कर रखी थी। जिन युवाओं का चयन शिक्षक पद पर हो चुका है, उनके लिए एक-एक दिन गुजारना भारी हो रहा है। कड़े मुकाबले में पहले रीट परीक्षा उत्तीर्ण की और सरकार के मापदण्ड पर खरे उतरे। बड़ी मुश्किल और जद्दोजहद के बाद चयन हुआ। लेकिन पिछले चार माह से नियुक्ति के लिए 26 हजार युवा भटक रहे है। चयनित शिक्षकों को आशंका है कि कहीं उनकी नियुक्ति राजनीति का शिकार ना हो जाए। 28 दिसम्बर को गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा मंत्री का पद संभाल लिया। डोटासरा ने पिछली सरकार के निर्णयों की समीक्षा करने की बात कहीं है। डोटासरा का मानना है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में स्कूली शिक्षा का भट्टा बैठा दिया है। देखना है 26 हजार चयनित शिक्षकों के मामले में सरकार क्या रूख अपनाती है। अलबत्ता युवाओं में बैचेनी है। चयनित शिक्षकों का प्रतिनिधित्व कर रहे शेखर वैष्णव ने सरकार से आग्रह किया है कि 9 जनवरी को हाईकोर्ट में प्रभावी तरीके से पैरवी करवाई जाए। इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9636222287 पर शेखर वैष्णव से ली जा सकती है।