#डेनमार्क 3 साल पहले तक दुनिया का सबसे खुशहाल(हैप्पीनेस इंडेक्स के अनुसार)और सुरक्षित देश था
उसके बाद सीरिया में ISIS ने गृहयुद्ध छेड़ा और सीरिया के वह लोग जो ISIS के आतंकियों से नहीं लड़ सके वह जान बचाकर सीरिया छोड़ के यूरोप की तरफ भागे , तब यूरोपीय संघ ने इन डरे-सहमे हुए शांतिप्रिय लोगों को यूरोप में शरण देने का फैसला किया।इसके चलते कई शरणार्थी डेनमार्क में बस गए।
अब इन डरे-सहमे हुए शांतिप्रिय लोगों ने डेनमार्क को जहन्नुम बना दिया है , 👇डेनमार्क की जनता को छोड़िये डेनमार्क की पुलिस तक इनके आगे अब लाचार हो गयी है।
आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि हमारे देश के कुछ हिस्सों (असम-बंगाल-केरल-कश्मीर) में भी इसी तरह के हालात हैं। जंहा एक और बीजेपी NRC लागू करके रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ना चाहती है वंही दूसरी और कांग्रेस-सपा और TMC जैसी पार्टियां इन घुसपैठियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ लड़ रही हैं।
आपका एक एक वोट तय करेगा कि इस देश में किसका भविष्य सुरक्षित होगा , आपकी आने वाली पीढ़ी का या घुसपैठियों का ?